फरीदाबाद (abtaknews.com) 19 जुलाई,2018 ;एक तरफ भाजपा सरकार ई- रिक्शा चलाकर प्रदूषण कम करने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ इसी सरकार के फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिसकर्मी ई-रिक्शा चालकों के बिना बजह बताये प्रदूषण के नाम पर 7-7 हजार रूपये के चालान काट रहे हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली से परेशान रोजी रोटी कमाने वाले गरीब मजदूर रिक्शा चालक चालान काटे जाने की बजह पूछने के लिये केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के कार्यालय पहुंचे, जहां से उन्हें पुलिस कर्मियों ने धक्का मारकर भगा दिया।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदूषण को कम करने के लिये और बेरोजगारों को रोजगार देने की भावना से देश के कोने - कोने में ई रिक्शा वितरित कर चलाने का आह्वान किया था, मगर आज उन्हीं की सरकार में फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस कर्मी ई-रिक्शा चालकों के बिना बजह बताये चालान काट रहे हैं। जिससे नाराज ई- रिक्शा चालक केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के कार्यालय पर पुलिस द्वारा काटे गये चालानों की बजह पूछने के लिये पहुंचे, जहां मंत्री साहब की अनुपस्थिति में पुलिस कर्मियों ने सभी ई- रिक्शा चालकों को भगा दिया। इतना ही नहीं अपने हक कह बात पूछने पहुंचे चालकों की पुलिसकर्मियों ने अपने फोन से विडियो और कुछ चालकों के नाम भी दर्ज किये, फिर उन्हें डराते और धमकाते हुए नजर आये।
ई- रिक्शा चालकों की माने तो वह कई सालों से शहर के अंदर रिक्शा चला रहे हैं वह कभी हाईवे पर भी रिक्शा नहीं चलाते, इससे पहले कभी भी ट्रैफिक पुलिस ने परेशान नहीं किया, क्योंकि उनके रिक्शा न तो प्रदूषण फैलाते हैं और नहीं लापरवाही से तेज गति में दौडते हैं। मगर पिछले कुछ दिन ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने सैंकडों रिक्शों को जब्त कर लिया और दर्जनों चालकों के बिना बजह बताये 7-7 हजार रूपये के चालान काटे जा रहे हैं। पुलिस से इन चालानों की बजह पूछी तो उन्होंने बताया कि प्रदूषण के लिये काटे गये हैं जबकि ई-रिक्शा बैट्री से चलते हैं उनसे कैसे प्रदूषण हो रहा है, जो कि सरकार ने खुद चलाये हैं, सरकार में जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर से चालानों की बजह पूछने के लिये जब रिक्शा चालक उनके कार्यालय सेक्टर 28 पहुंचे तो वहां से पुलिस ने उन्हें भागा दिया। चालकों का कहना है व रोजाना इन्हीं रिक्शों से अपने परिवार का पेट पालते हैं अगर पुलिस उन्हें बिना बजह से ऐसे परेशान करेगी तो वह भूखे मर जायेंगे, अगर पुलिस उनसे टैक्स लेना चाहती है तो वह दिल्ली की तर्ज पर नगर निगम को टैक्स भी देने के लिये तैयार हैं।
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